कदम्ब के फूल के उपयोग: शांति और सुख के लिए आध्यात्मिक उपयोग
कदम्ब के फूल का उपयोग: सुंदरता और स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल स्रोत( Benefits of Kadamba flower)
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कदम्ब का फूल |
कदम्ब के प्रकार - कदम्ब में राज कदम्ब, धारा कदम्ब, धूलि कदम्ब, भूमि कदम्ब इत्यादि उल्लेखनीय प्रजातियाँ हैं। इसको अंग्रेजी में Wild Cinchona (वाइल्ड सिन्कोना) कहते हैं कदम्ब का पेड़ को मदन वृक्ष भी कहते है
गायो की बीमारी में फूल और पत्तों बलि टहनी लेकर गोशाला में लगा देने से बिमारी दूर होती है बर्षा ऋतू में पल्ल्बित होने बाली यह गोपी वृक्ष है
कदम्ब के गुड़, दोष एवं प्रभाव(Kadamba Jaggery, Doshas and Effects)
औषधि द्रव्य में इसकी छाल तेज, कड़वी, मृदु और कसैली होती है। यह कामोद्दीपक, शीतल, दुष्पाच्य, दूध बढ़ानेवाला, संकोचक, विष निवारक और घावको भरनेवाला होता है। गर्भाशय की शिकायत, रक्त रोग, वात, कफ, पित्त और जलनमें यह लाभदायक है। इसका फल गरम, उद्दीपक और पकनेपर पित्तकारक होता है।
कदम्ब के फूल का उपयोग: आयुर्वेदिक दवाओं में एक महत्वपूर्ण तत्व(Use of kadamba flower)
- नेत्रों का प्रदाह - नेत्र प्रदाह में इसकी छाल के रसका अफीम और फिटकिरी के साथ उपयोग किया जाता है।
- ज्वर में - इसकी छालका का काढ़ा पिलाने से ज्वर में लाभ होता है।
- मुँह के छाले लाभ - कदम्ब के पत्ते का कड़ा बना कर कुल्ले करने से मुँह के छाले मिटते हैं।
- कदम्ब के छिलके का ताजा रस बच्चों के मस्तक के ऊपर ब्रह्मरन्ध के बैठ जाने पर मालिश करने के काम मे लिया जाता है।
- इसके पत्तों का काढ़ा - मुँह के छाले और मुँह की सूजन में कुल्ले करने के लिये उपयोग में लिया जाता है।
- इसका फल ज्वर, तृषा और रक्त-दोषों का निवारण करने वाला होता है, आयुर्वेदिक चिकित्सक में इसका उपयोग ज्वर की बीमारी में करते हैं।
- इसकी छाल - सर्प के विष में भी लाभदायक होती है। इसमें (सिन्कोटेनिक एसिड) नामक संकोचक तत्त्व रहता है।
- आँखों में जलन दूर करने में - व्यक्ति दिन भर जब काम करता है तो उसकी आंखे नर्म प्या सूखापन आ जाता है कदम्ब की जड़ की छाल को पीस कर और छान कर आंखे के चारो तरफ लगाने से आराम मिलता है
यूनानी मत के अनुसार
कई विद्वानों के अनुसार इसकी कच्ची कोपलें सर्द और पचने में हलकी होती है। ये बदहजमी में फायदा पहुँचाती हैं। बच्चों के बदन पर लाल चकत्ते पड़ने की बीमारी में यह फायदेमन्द होती है। इसके फल गरम, चिकने, क्षुधावर्धक और वीर्य तथा कफको बढ़ाने वाले होते हैं। इसके पके हुए फूल बादी, पित्त और कफ में लाभ पहुँचाते हैं। इसके फल और पत्ते रक्त विकार और पित्त की बीमारी में लाभदायक होते हैं।
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