गाजर खाने के फायदे और नुकसान
गाजर खाने के फायदे और नुकसान : विटामिन A का गोदाम है गाजर
गाजर मौसमी सब्जी के रूप में उगाई जाती है यह शादियों के मौसम में ज्यादा मिलती है पूरे भारत में उगाई जाती है गाजर एक सब्जी है लेकिन इसका केवल जड़ को ही उपयोग में लेते हैं गाजर को उसके प्राकृतिक रूप में ही अर्थात् कच्चा खाने से ज्यादा लाभ होता है। उसके भीतर का पीला भाग नहीं खाना चाहिये; क्योंकि वह अत्यधिक गरम होता है। अतः पित्तदोष, वीर्यदोष एवं छातीमें दाह उत्पन्न करता है।![]() |
गाजर |
गाजर में विटामिन ‘ए’,’बी’, ‘सी’, ‘डी’,’ई’, ‘जी’, और ‘के’ पाए जाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार
गाजर स्वाद में मधुर,, तीक्ष्ण, उष्णवीर्य, गरम, दस्त को बाँधने वाली, हृदय के लिये हितकर, रक्त को शुद्ध बनाने वाली, कफ निकालने वाली, वात दोष नाशक, पुष्टिवर्धक तथा दिमाग एवं नस-नाडियों के लिये बलप्रद है। यह अफारा, बवासीर, पेट के रोगों, सूजन, खाँसी, पथरी, मूत्रदाह, मूत्राल्पता तथा दुर्बलता का नाश करने वाली है
गाजर के बीज गरम होते हैं, अतः गर्भवती महिलाओं को उनका उपयोग नहीं करना चाहिये । बीज पचने में भारी होते हैं।
कैल्सियम एवं केरोटीन की प्रचुर मात्रा होने के कारण छोटे बच्चों के लिये यह एक उत्तम आहार है। गाजर में आँतों के हानिकारक जन्तुओं को नष्ट करने का अद्भुत गुण है। इसमें विटामिन 'ए' भी काफी मात्रा में पाया जाता है। अतः यह नेत्र रोग में भी लाभदायक है।
गाजर रक्त शुद्ध करनेवाली है । 10 से 15 दिन केवल गाजर के रस पर रहने से रक्तविकार, गाँठ, सूजन एवं पाण्डुरोग-जैसे त्वचा के रोगों में लाभ होता है । इसमें लौह तत्त्व भी प्रचुरता में पाया जाता है। खूब चबा- चबाकर खानेसे दाँत मजबूत, स्वच्छ एवं चमकीले होते हैं तथा मसूढ़े मजबूत होते हैं ।
गाजर का औषधिय प्रयोग👉👉👉
दिमाग की कमजोरी - गाजर के रस का नित्य सेवन करने से दिमागी कमजोरी दूर होती है। (इसके अलावा बादाम खाने से भी दिमाग की कमजोरी दूर होती है )दस्त - गाजर का सूप पीने से लगना बंद हो जाते है
सूजन- इसके रोगी को सब आहार त्याग कर केवल गाजर का रस अथवा उबली हुई गाजर पर रहने से लाभ होता है ।
मासिक न दिखने पर या कष्टार्तव - मासिक कम आने पर या समय से न आने पर गाजर के 5 ग्राम बीजों का 20 ग्राम गुड़ के साथ काढ़ा बनाकर लेने से लाभ होता है ।
पुराने घाव - गाजर को उबालकर उसकी पुलटिस बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है ।
खाज खुजली– गाजर को किसकर करके अथवा बारीक पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिला ले और गरम करके खाज पर रोज बाँधने से लाभ होता है ।
आधा सीसी — गाजर के पत्तों पर दोनों ओर शुद्ध घी लगाकर उन्हें गरम करे। फिर उनका रस निकालकर 2 या 3 बूँदे कान एवं नाक में डाले। इससे आधा सीसी का दर्द मिट जाता है ।
श्वास- हिचकी - गाजर के रसकी 4 - 5 बूँदें दोनों नथुनों में डालने से लाभ होता है ।
नेत्र रोग – दृष्टिमन्दता, रतौंधी, पढ़ते समय आँखों में तकलीफ होना आदि रोगों में कच्ची गाजर या उसके रस का सेवन लाभप्रद है । यह प्रयोग करते रहने से चश्मे का नंबर घटा सकता है।
पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी – अरुचि, मन्दाग्नि, अपच आदि रोगों में गाजर के रस में नमक, धनिया, जीरा, काली मिर्च, नीबू का रस डालकर पीये अथवा गाजर का सूप बनाकर पीने से लाभ होता है ।
पेशाब की तकलीफ - गाजर का रस पीने से पेशाब खुल कर आता है । रक्तशर्करा भी कम होती है। गाजर का हलवा खाने से पेशाब में कैल्सियम, फास्फोरस का आना बंद हो जाता है ।
नकसीर फूटना - ताजे गाजर का रस अथवा उसकी लुगदी सिर पर एवं ललाट पर लगाने से लाभ होता है।
जल जाने पर - जलने से होने वाले दाह में प्रभावित अङ्गपर बार-बार गाजर का रस लगाने से लाभ होता है।
हृदय रोग - हृदय की कमजोरी अथवा धड़कनें बढ़ जाने पर लाल गाजर को भून ले या उबाल ले। फिर उसे रात भर के लिये खुले आकाश में रख दे, सुबह उसमें मिस्री तथा केवड़े या गुलाब का अर्क मिलाकर रोगी को देने से आराम मिलता है अथवा २-३ बार कच्ची गाजर का रस पिलाने से लाभ होता है।
प्रसवपीडा - यदि प्रसव के समय स्त्री को अत्यन्त कष्ट हो रहा हो तो गाजर के बीजों के काढ़े में एक वर्ष पुराना गुड़ डालकर गरम-गरम पिलाने से प्रसव जल्द होता है
गाजर खाने के कुछ नुकसान भी है 👉👉
- गाजर के भीतर का पीला भाग खाने से, ज्यादा गाजर खाने के बाद 30 मिनट के अंदर पानी पीने से खाँसी आने लगती है । अत्यधिक गाजर खाने से पेट में दर्द होता है। ऐसे समय में थोड़ा गुड़ खायें । पित्त प्रकृति के लोगों को गाजर का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिये।
- गाजर कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- आयरन, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इफ्लेमेटरी इत्यादि से भरपूर होता है। ऐसे में यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी प्रभावी है।
- गाजर खाने से कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है जिसमें से सर्दी जुकाम या दस्त या पेचिश आदि
- डायबिटीज मधुमेह वाले व्यक्ति को गाजर का सेवन कम करना चाहिए गाजर के सेवन से मधुमेह बढ़ सकती है सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही ले
- गाजर में बीटा कैरोटीन मौजूद होता है, जो आपके में पहुंचकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। अधिक मात्रा में गाजर का सेवन करने से ब्लड में कैरोटीन की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती हैजिस कारण त्वचा में पीलापन आ जाता है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नही है
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