शतावर के 10 अदभुत फायदे
शतावर के चमत्कार(Benifits of Shatavar):-
शतावर को शतावरी, सतावरी, सतमूल और सतमूली के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत, श्री लंका तथा पूरे हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है इसकी जड़ें गुच्छों के रूप में होतीं हैं इसका पौधा अनेक शाखाओं से युक्त काँटेदार लता के रूप में होते हैआयुर्वेद में इसे ‘औषधियों की रानी’ माना जाता है। शतावर मधुर एवं तिक्त, गुरु एवं स्निग्ध, शीत, रसायन और मेधा, अग्नि तथा पुष्टि को बढ़ाने वाली, नेत्र के लिये हितकारी, गुल्म एवं अतिसार का नाश करने वाली, बलकारक और वात, पित्त, रक्तविकार तथा शोथ की नाशक है।
बड़ी शतावर बुद्धिवर्द्धक, हृदय को शक्ति देने वाली, अर्श, ग्रहणी रोग तथा नेत्र रोग की नाशक है। दुग्ध वर्धक होने से प्रसूत के समय अवश्य सेवनीय है
शतावर में पाए जाने वाले पोषक तत्व
शतावरी/ ऐस्पैरागस के पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) की मात्रा के अनुसार
उर्जा 20 किलो कैलोरी 90 kJ
कार्बोहाइड्रेट - 3.88 g
शर्करा - 1.88 g
आहारीय रेशा - 2.1 g
वसा - 0.12 g
प्रोटीन - 2.20 g
थायमीन (विटामिन B1) - 0.143 mg - 11%
राइबोफ्लेविन (विटामिन B2) - 0.141 mg - 9%
नायसिन (विटामिन B3) - 0.978 mg - 7%
पैंटोथैनिक अम्ल (विटामिन B5) - 0.274 mg - 5%
विटामिन B6 - 0.091 mg - 7%
फोलेट ( विटामिन B9) - 52 μ - 13%
विटामिन C - 5.6 mg - 9%
कैल्शियम - 24 mg - 2%
लोहतत्व - 2.14 mg - 17%
मैगनीशियम - 14 mg - 4%
फॉस्फोरस - 52 mg - 7%
पोटेशियम - 202 mg - 4%
जस्ता - 0.54 mg - 5%
ज्यादातर शतावर की गांठ या कंद का इस्तेमाल किया जाता है इसकी गांठ या कंद में जो महत्वपूर्ण रासायनिक घटक पाए जाते हैं वे हैं ऐस्मेरेगेमीन ए नामक पॉलिसाइक्लिक एल्कालॉइड, स्टेराइडल सैपोनिन, शैटेवैरोसाइड ए, शैटेवैरोसाइड बी, फिलियास्पैरोसाइड सी और आइसोफ्लेवोंस आदि है।
शतावर से ठीक होने वाले रोग
- शतावर के इस्तेमाल से शारीरिक दर्द दूर होता है
- महिलाओं में दूध की मात्रा को बड़ता है
- महिलाओं को बच्चा होने के बाद अगर दूध नहीं आ रहा तो शतावर के सेवन से दूध निकालना शुरू हो जाएगा
- यह भूख को बड़ता है
- अनिद्रा जैसी बीमारी को ठीक करता है
- पुरुषों व महिलाओं में बांझपन को दूर करता है
- शतावर की जड़ तंत्रिका प्रणाली और पाचन तंत्र की बीमारियों के इलाज करने में और ट्यूमर व गले के संक्रमण, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी को ठीक करता है
- यह जोड़ो का दर्द को ठीक करता है
- शतावर के चूर्ण से मिर्गी की बीमारी में आराम मिलता है
- इसे कमजोर शरीर वाले व्यक्ति को एक बेहतर शक्ति प्रदान करने में मदद देता है
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