कुलथी की दाल खाने के फायदे

कुलथी की दाल खाने के फायदे - पथरी के लिए अति महत्वपूर्ण औषधी 

भारत में कई प्रकार की डालें पाई जाती है जिसमें से एक नाम है कुलथी की दाल काफी मशहूर है लेकिन है कुछ-कुछ इलाकों में नहीं पाई जाती है आईए जानते हैं कुलथी की दाल खाने के फायदे और उनसे होने वाले लाभ के बारे में

कुलथी की दाल 

कुलथी छोटा नागपुर और उड़ीसा के क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पायी जाने वाली प्रमुख फसल है। यह भी एक किस्मकी दाल ही है । यह अरहर की दाल के दाने की तरह ही चिपटी होती है। इसका वानस्पतिक नाम एताइलोसिया स्केरे बिजोइंडिस है। इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसकी खेती प्रायः बरसात के मौसम में होती है। दाल बनाने पर इसका रंग मटमैला हो जाता है। खाने में यह अत्यन्त ही स्वादिष्ठ होती है। 

आयुर्वेद में इसका विस्तार से वर्णन है । 

आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि 

  1. यह प्लीहा वृद्धि को दूर करने वाली, मधुर, क्षुधावर्धक तथा चक्षुविकारनाशक है। लोग इसकी दाल बनाकर सेवन करते हैं स्वास्थ्य की दृष्टि से यह सुपाच्य भी है तथा इसे बीमार व्यक्ति भी खा सकते है क्योंकि यह दाल काफी हल्की होती है। यह जठराग्नि को प्रदीप्त करती है। कुलथी का पानी भी स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद है। आयुर्वेद में इसे स्वास्थ्यवर्द्धक बताया गया है । कुलथी में प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्त्व पाये जाते हैं। इसमें विटामिन A, B, फास्फोरस तथा कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। महिलाओं में होने वाले प्रदर रोग के लिये कुलथी अत्यन्त उपयोगी है। इसे उबाल कर इसका पानी पीने से काफी लाभ मिलता है।
  2. खूनी बवासीर के रोगियों को कुलथी के आटे की पतली कांजी का सेवन करना चाहिये ।
  3. 100 ग्राम कुलथी की दाल का पानी पीने से मोटापे में कमी आती है। कुलथी का आटा बदन में मालिश करने से पसीने की शिकायत दूर होती है। वात ज्वर में 60 ग्राम कुलथी लेकर पानी में उबाले। जब थोड़ा पानी बच जाय तो आधा चम्मच सोंठ और उसमें थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर रोगी को दे। इससे रोग दूर होता है ।
  4. अतिसार रोग के लिये भी यह काफी फायदेमंद है। इसके पत्ते को पीसकर उसमें कत्था मिलाकर अतिसार के रोगी को देने पर राहत मिलती है ।
  5. पेट में होने वाली पथरी के लिये यह बहुत लाभदायक होती है। इसकी दाल बनाकर रोजाना इसके सेवन से गुर्दे तथा मूत्राशय की पथरी दूर हो जाती है। छोटा नागपुर तथा उड़ीसा के कई क्षेत्रों में प्रसव के बाद माता को कई दिनों तक कुलथी का पानी दिया जाता है। इससे पेट साफ होता है और मासिक धर्म भी साफ आता है।

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