Sahad khane ke phayde

शहद
सर्वोत्तम आहार एवं औषधि - शहद (Honey benefits and usage method):-

शहद आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसके बिना आयुर्वेदिक उपचार अधूरा माना गया है। प्रकृति में जो विविध पुष्प-रस भरा पड़ा है, मधुमक्खी फूलों से विभिन्न प्रक्रियाओं से उसे प्रशोधन कर शहद के रूप में तैयार करती है
शहद में वे सभी पोषक तत्त्व पाये जाते हैं, जो शरीर के विकास एवं पाचन-क्रिया को सुचारु रखने के लिये आवश्यक होते हैं । यह रोगाणु नाशक तथा उत्तम भोज्य पदार्थ है। आयुर्वेद में बच्चों के लिये माँ के दूध के बाद शहद को ही सर्वाधिक पोषक तत्त्व बताया गया है। शीतकाल में सोते समय ठण्डे दूध के साथ उपयोग करने पर यह शरीर को मोटा एवं सुडौल बनाता है । ठीक इसके विपरीत सुबह शौच से पहले गिलास भर पानी के साथ पीने पर मोटापा कम करता है। इसके अलावा शहद को हलके गर्म दूध, दही, गर्म पानी, नीबू के रस, चावल, दलिया, केला, खीर, सलाद आदि के साथ अलग-अलग समय में उपयोग किया जाता है।
शुद्ध शहद की पहचान(Identification of pure honey):-
शहद आदिकाल से ही मधुर द्रव्य का प्रतिनिधि रहा है। इसके प्रयोग से ही इसकी उपयोगिता एवं औषधीय गुणों की जानकारी होती है। शहद में कई तत्त्व विद्यमान हैं। इसमें ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज पर्याप्त मात्रा में होता है।
शुद्ध शहद पानी में अपने-आप नहीं घुलता, शहद की सामान्य पहचान है ,जो शहद जितना गाढ़ा होगा, उसमें नमी की जितनी कमी होगी, शुद्धता की दृष्टि से वह उतना ही अच्छा माना जाता है। शहद ठंड में जम जाता है और गर्मी से स्वत: ही पिघलने लगता है ।
ऋतुओ के आधार पर शहद का निर्माण (Making honey based on seasons):-
कार्तिक महीना में मधु औषधि गुणों से भरपूर है। इस ऋतु का शहद जमने पर सफेद, दानेदार तथा सुगन्धित होता है । इसको खाने से गले में हलकी मिर्च - जैसा स्वाद लगता है, यह कम मिलता है।
फाल्गुन , चैत्र महीने में तैयार होने वाला सरसों के फूलों का शहद भी इसी के समान होता है ।
वैशाख और ज्येष्ठ महीने का शहद लाल रंग का होता है, जो कम जमता है । यह सुगन्धित होता है ।
आषाढ़ महीने का शहद भी ज्यादातर लाल रंग का होता है। कहीं-कहीं स्वाद में कड़वा होता है । इस शहद का अधिक प्रयोग करने से यह शरीर में गर्मी दिखाता है। कई बार इससे पेचिश भी लग जाती है।
शहद के औषधीय गुण (medicinal properties of honey):-
शहद की अपनी तासीर गर्म होती है। खासकर जिस समय शहद छत्ते से निकालते हैं, उस समय इसका प्रभाव गर्म होता है। धीरे-धीरे इसका प्रभाव सामान्य होता जाता है।
शहद का विशेष गुण यह है कि शहर को गर्म पानी में लेने से गर्मी प्रदान करता है और ठंडे पानी में लेने से शरीर में ठंडक प्रदान करता है ।गर्मियों में शहद की शिकंजी, जिसमें एक बड़े गिलास में दो चम्मच शहद और एक-दो बूँद नीबू का रस मिलाकर पीने से शरीर को तत्काल ऊर्जा मिलती है और इससे पेशाब भी खुलकर होता है ।
नवजात शिशु को जन्म के तत्काल बाद शहद चटाने से बच्चा नीरोगी होता है। केवल शहद नित्य सेवन करने से दिल एवं दिमाग को शक्ति देता है तथा दीर्घ जीवन प्रदान करता है । इसीलिये शहद को एक अर्थ में 'अमृत' कहा जाता है। ज्यादा पुराना शहद अपना स्वाद, गुण एवं रंग खो देता है। इसलिये ताजे शहद का प्रयोग ही अधिक करना चाहिये।
शहद बनाने वाली विभिन्न जातिकी मधुमक्खियाँ, सारंग, एपिस मेलिफेरा भी हैं। गुणकारी तथा सुस्वादु शहद अपनी देशी मक्खी ही बनाती है। शहद का सेवन विशेषकर बच्चों और बूढ़ों को अधिक करना चाहिये
शहद के उपयोग विधि और ठीक होने वाली बीमारी(How to use honey and cure diseases):-
- शारीरिक ऊर्जा के लिए थकान होने पर शहद के सेवन से ताजगी आती है। शहद मुँह में रखते ही तत्काल घुलकर शरीर को सीधे ऊर्जा देता है। जितना जल्दी शहद पचता है, उतना जल्दी अन्य कोई पदार्थ नहीं पचता है
- शरीर का दर्द शहद को नारंगी, दूध, केवड़ा-रस तथा पानी में मिलाकर पीने से मांसपेशियों को तुरंत शक्ति मिलती है।
- खाँसी-जुकाम होने पर अदरक या तुलसी के रस को चम्मच में गरम कर उसमें शहद मिलाकर उपयोग करने पर यह योग खाँसी-जुकाम में रामबाण प्रमाणित होता है
- काली खाँसी होने पर शहद के साथ दो बादाम लेने से आराम मिलता है।
- बवासीर में एक चुटकी त्रिफला शहद में मिलाकर लेने से आराम होता है
- गर्म वस्तु से जलने पर शरीर के किसी भाग के जलने पर शुद्ध शहद लगाने से जलन कम होती है और आराम मिलता है
- बिच्छू के काटने पर बिच्छू के काटे हुए स्थान पर शहद, घी और चूना बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से जहर उतर जाता है ।
- सर्दी जुकाम गरम पानी में शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से जुकाम ठीक होता है ।
- कब्ज होने पर शहद नियमित सेवन करने से क़ब्ज़ मिटता है।
- आँख की ज्योति बढ़ाना आँखों में एक बूँद प्रतिदिन डालने से आँख की ज्योति बढ़ती है तथा आँख की प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि होती है
- खाँसी और कफ होने पर अदरक का रस और शहद बराबर मिलाकर लेने से खाँसी और कफ दूर होते हैं यह रामबाण औषधी है
- मोटापा और भारीपन प्रातः शौच जाने से पूर्व एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से लेने पर शरीर का मोटापन एवं भारीपन दूर होता है।
- चर्बी कम करना प्रात: और सायं गर्म पानी में मिलाकर शहद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है
- खून बंद नहीं होता हो यदि किसी घाव से खून बंद नहीं होता है तो उस पर शहद लगाना चाहिये। इससे खून बंद हो जाएगा और घाव भी सूख जाएगा
- पुराने घाव शहद - सेवन से पुराने घाव भी जल्दी भर जाते हैं
- चर्मरोग होने पर शहद को पानी के साथ पीने से चर्मरोग मिटता है।
- रक्तचाप बढ़ने पर लहसुन के साथ शहद लेना चाहिये ।
- छोटे बच्चों को बच्चों को नौ मास तक शहद देने से किसी प्रकार का रोग नहीं होता। शहद कीड़े एवं पायरिया से दाँतों को बचाता है और बच्चों को दाँत निकलने मै पीडा भी नहीं होती।
- मलेरिया के बुखार में एक गिलास में गरम जल लेकर उसमें दो चम्मच शहद डालकर पीने से खूब पसीना आकर बुखार उतर जाता है।
- मुँह के फोड़े तथा फुंसी में प्रातः एक गिलास शुद्ध जल में दो चम्मच शहद डालकर लेना चाहिये ।
- आँतों की शिकायत में आँवले के रस के साथ शहद का सेवन करना चाहिये ।
- अनार के रस में शहद मिलाकर लेने से दिमागी कमजोरी, सुस्ती, निराशा तथा थकावट दूर होती है ।
- आधे सिरदर्द में एक छोटे प्याले में गुनगुना पानी करके उसमें दो चम्मच शहद डालकर पीना चाहिये।
- चेचक के दाग शहद और नीबू के रससे हलके किये जा सकते हैं। इन्हें मिलाकर दाग पर लगाया जाता है, जिससे चेहरे की कान्ति लौट आती है।
- टांसिल बढ़ने पर सेब के रस में शहद मिलाकर लेना चाहिये ।
- श्वासरोग में अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने पर यह कास तथा श्वासरोग दूर करता है ।
- खाँसी आने पर अडूसे के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से खाँसी में लाभ होता है।
- हिचकी आने पर काँस की जड़ के रस में शहद मिलाकर सूँघने पर हिचकी चली जाती है । शहद चाटने से हिचकी आना बंद हो जाती है
- श्वास रोग कपूर कजरी, पुष्कर मूल तथा आँवले का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ चाटने पर श्वास रोग में लाभ होता है।
- अनिद्रा की शिकायत बैगन के भरते में मिलाकर शहद सेवन करने से तुरंत नींद आती है।
- पीलिया रोग पके आम के रस में शहद मिलाकर पीने से पीलिया रोग दूर हो जाता है ।
- पथरी में गोखरू का चूर्ण शहद के साथ लेने से लाभ होता है
- कमजोर जिगर वाले बच्चों के भोजन में शहद मिलाकर देने से भोजन आसानी से पच जाता है।
- प्रदर रोग में पके केले में शहद भरकर खाने से लाभ होता है
- लकवा रोगी के लिये शहद सर्वोत्तम औषधि है ।
- बहुत छोटे बच्चों को सीमित मात्रा में शहद चटाने पर उसके आहार की पूर्ति होती है ।
- सिर में चक्कर आने पर चार-चार घण्टे पर पानी में थोड़ी मात्रा में शहद मिलाकर पीने से लाभ होता है
- वमन (उल्टी) होने पर शहद और पुदीने के रस को मिलाकर पीने से लाभ होता है ।
निष्कर्ष (conclusion):-
शहद में दीर्घायु रखने एवं स्वस्थ बनाये रखने की वैसी ही अद्भुत शक्ति है, जैसी जड़ी-बूटियों में होती हैं
शहद का उपयोग अलग-अलग पदार्थों के साथ करने से यह विभिन्न प्रभाव दर्शाता है। अतः इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक या वैद्य आदि की सलाह लेना उत्तम होगा ।
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