गुलाब के घरेलू उपयोग और विधि और फायदे
खूबसूरती का राजा गुलाब का पेड़(Benifits of Rose):-
गुलाब सिर्फ खुशबू और खूबसूरती ही नहीं बिखेरता, बल्कि कई प्राकृतिक गुणों को भी यह अपनेमें समेटे हुए है। यही कारण है कि इसे फूलों का राजा कहा गया है। यह सौन्दर्य के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिये भी बहुत उपयोगी है।
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गुलाब का फूल |
गुलाब में विटामिन 'सी' प्रचुरता में पाया जाता है। गुलाब के फूल खाते रहें तो जोड़ों तथा हड्डियों में विशेष शक्ति लचक रहती है, जो बुढ़ापे में सहायक होती है।
गुलाब के अंदर पाए जाना पोषक तत्व:-
गुलाब में विटामिन C, विटामिन A, सोडियम, कैल्शियम, आयरन फाइबर, कार्बोहाइड्रेट तथा शुगर पाया जाता है
प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा अनुसार गुलाब से दूर होने वाले रोग व प्रयोग विधि:-
गुलाब का पेड़ और पत्ती व फूल के अनेक कई उपयोग है जो इस प्रकार है -
पसीना की बदबू को दूर करे
यदि आपके शरीर से ज्यादे मात्रा में पसीना निकलता हो और उससे दुर्गन्ध आती हो तो घबराने की आवश्यकता नहीं, आप गुलाब का सहारा लें। गुलाब के फूल को पीसकर जल में घोल बनाकर पूरे शरीर में लेप करें। पुनः आधे घंटे बाद स्नान करें। ऐसा एक सप्ताह तक करने से आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।
दाँतों की जड़ कमजोर पड़ने या मवाद आने पर
यदि आप के मसूढ़ों से दुर्गन्ध एवं मवाद आता हो एवं दाँतों की जड़ कमजोर पड़ती जा रही हो तो गुलाब का प्रयोग करें। गुलाब के ताजे फूलों को अच्छी तरह कुचलकर नित्य प्रति खायें। ऐसा करने से मसूडों से रक्त, मवाद एवं दुर्गन्ध नहीं आयेगी। साथ ही मसूड़े भी मजबूत हो जायेंगे। यदि गुलाब का निरन्तर प्रयोग किया जाय तो लंबी उम्र तक दाँतों की सुरक्षा रहती है।
खाज खुजली होने पर
यदि दाद-खाज या दिनाय से आप परेशान हैं तो गुलाब के अर्क में नीबू का रस मिलाकर प्रभावित अङ्ग पर इस लोशन को लगाने से दाद-खाज एवं दिनाय से छुटकारा मिलता है।
मुंह में छाले होने पर
यदि आपके मुँह में बार-बार छाले पड़ते हों तो घबरायें नहीं। बल्कि इससे निजात पाने के लिये गुलाब को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें। पुनः उस पानी से दिनभर में तीन बार नियमित कुल्ला करें। समस्या का समाधान हो जायगा।
दिल की धड़कन तेज होने पर
यदि आपका दिल बहुत धड़कने लगे अथवा ऐसी प्रक्रिया कई दिनों तक एवं कई महीनों तक बार-बार जारी रहे तो गुलाब के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। एक-एक चम्मच इस चूर्ण का सुबह-शाम सेवन करें। दिल बेवजह जोर से धड़कना बंद हो जायगा।
कान में दर्द होने पर
यदि असामयिक या रात्रि में किसी बच्चे या आदमी का कान जोर-जोर से दर्द कर रहा हो तो उसमें ताजे गुलाब का रस टपकायें। ऐसा करने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।
हैजा होने पर
बरसात के दिनों में हैजे का प्रकोप काफी भयावह होता है। ऐसी स्थिति में गुलाब काफी उपयोगी साबित होता है। इन परिस्थितियों में आधा कप शुद्ध गुलाब जल में नीबू निचोड़कर उसमें थोड़ी मात्रा में मिस्री मिला लें। अब इस घोल को हैजे से प्रभावित रोगी को तीन-तीन घंटे पर पिलायें। काफी लाभ होगा।
प्रदर या ल्यूकोरिया रोग होने पर
स्त्रियों के लिये प्रदर या ल्यूकोरिया एक आम बीमारी हो गयी है। कई स्त्रियों को पेशाब में जलन भी होती है। इससे छुटकारा पाने के लिये गुलाब के 10 ग्राम पत्तों को पीसकर समान मात्रा में दो से तीन बार पीने से कठिनाई दूर होती है। इसी प्रकार गुलाब अन्य अनेक रोगों में भी लाभदायक है।
गुलाब के फूल से क्षय ( ट्यूबरकुलोसिस ) रोग में आराम
इस रोग में गुलाब के फूल बहुत लाभदायक होते हैं। यह देखने में आया है कि क्षय- रोगी को जितनी ज्यादा मात्रा में गुलाब के फूल खिलाये जायँ, उतनी ही शीघ्रता से वह रोग मुक्त होगा।
रतौंधी रोग होने पर गुलाब जल का प्रयोग +
से नेत्र रोगों में लाभ होता है। गुलाब जल 'रतौंधी' रोगकी रामबाण औषध है।
नुकसान:-
गुलाब के फूल ,पत्तियां, जड़, टहनियां आदि के कोई नुकसान नहीं है लेकिन गुलाब का उपयोग रोग के अनुसार विधिवत करना चाहिए
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