pista khane ke phayde
रोजाना पिस्ता खाने से होते हैं यह लाभ
पिस्ता को काजू बादाम अखरोट अंजीर आदि के साथ सम्मिलित किया जाता है पिस्ता मेवा की श्रेणी में आता है इसका उपयोग ड्राई फूड आदि में किया जाता है लेकिन लेकिन क्या आप जानते हैं पिस्ता खाने से कितना फायदा होता है और कितना नुकसान तो आज हम आपको इसी लेख में बताएंगे रोजाना पिस्ता खाने के लाभ कोन कोन से है
इसका छोटा सा पेड़ होता है और यह है अफगानिस्तान ,मध्य एशिया, ईरान आदि में पाया जाता है पिस्ता झाड़ों के पत्तों पर एक प्रकार के कीड़ों के घर बन जाते हैं, जिसको पिस्ते के फूल कहते हैं। ये एक तरफ से गुलाबी और दूसरी तरफ से पीले या सफेद होते हैं। ये कहीं अंजीर के आकार के, कहीं गोल और कहीं अंडाकृति रहते हैं। इसका फल 2 साल में एक बार आता है। पिस्ते के फल के ऊपर एक कड़ा छिलका होता है । उसको फोड़ने से उसके अंदर से पिस्ते का भीतरी भाग निकलता है। यह भी मेवे की तरह खाने और मिठाइयाँ बनाने के काम में आता है।
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पिस्ता |
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार
पिस्ता भारी, गरम, धातुवर्धक, रक्त को शुद्ध करनेवाला, स्वादु, बलवर्धक, पित्तकारक, कफनाशक तथा वात, गुल्म और त्रिदोष को दूर करता है । पिस्ते स्मरणशक्ति, हृदय, मस्तिष्क और आमाशय को शक्ति देते हैं। पागलपन, वमन, मतली, मरोड़ और यकृत्की वृद्धि में लाभ पहुँचाते हैं। बदन को मोटा करता हैं । आमाशय को ताकत देने के लिये पिस्ते के समान कोई दूसरा पदार्थ उत्तम नहीं है । यह गुर्दे की कमजोरी को मिटाता है। पिस्ते को चबाने से मसूड़े मजबूत होते हैं और मुँह से सुगन्ध आने लगती है । हैजा, प्लेग के दिनों में इसे शक्कर के साथ खाना अच्छा रहता है। पिस्ते की छाल और पत्तों के काढ़े से तर तथा सूखी खुजली को धोने पर बहुत लाभ होता है। इसके काढ़े से सिरके बाल मजबूत होते हैं और सिर में जुएँ नहीं पड़ते
पिस्ते के छिलके की उपयोगिता - पिस्ते के ऊपर दो छिलके होते हैं। एक सुर्ख रंगका पतला छिलका, जो पिस्ते की मगज से चिपका हुआ रहता है और दूसरा सफेद रंग का सख्त छिलका, जिसके अंदर पिस्ते का मगज रहता है। इनमें से पहला पतला छिलका समशीतोष्ण होता है। दूसरा सख्त छिलका सर्द और खुश्क होता है । पिस्ते का पतला छिलका काबिज, वमन और ।
हिचकी को बंद करने वाला, दाँत, मसूड़े, हृदय तथा मस्तिष्क को ताकत देनेवाला एवं तृष्णाशामक होता है इसे खाने से मुँह के छाले मिट जाते हैं। दूसरे छिलके की फक्की देने से अजीर्ण मिटता है और शक्कर के साथ सेवन करने से शक्ति बढ़ती है ।
पिस्ता के फूल की उपयोगिता -पिस्ते के फूल सद, खुश्क, काबिज और आनन्दवर्धक होते हैं ।
पिस्ता का तेल की उपयोगिता - आधा-सीसी के रोगी को गरम जल का बफारा देकर अगर यह तेल नाक में टपका दिया जाय तो आधा सीसी मिट जाती है।
यह तेल स्मरण शक्ति वर्द्धक है ।
खाँसी के रोगी को लाभ करता है हृदय को ताकत देकर पागलपन, वमन और मतली को मिटाता है। ध्यान रहे-पिस्ते के ज्यादा खाने से पित्ती उछल आती है। अतः इन औषध द्रव्यों के सेवनकी मात्रा के लिये किसी सुयोग्य अनुभवी वैद्य आदि का परामर्श लेना चाहिये
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