दूध बिना मानव जीवन अधूरा

भारत वर्ष में गाय के दूध का औषधीय गुण अति प्राचीनतम काल से जाना जाता है । चिकित्सकीय दृष्टि कोण से दूध बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह शरीर के लिये उच्च श्रेणी का खाद्य पदार्थ है भोज्य पदार्थ के रूप में दूध एक महत्त्वपूर्ण आहार का विलक्षण समुच्चय है। 
दूध की महत्वता को समझने के लिए इसे पूरा पढ़ें । 

दूध पीना क्यो जरूरी है और दूध के क्या लाभ है (Benefits Of Drinking milk)

दूध पीना क्यों जरूरी है दूध इस लिए पीना चाहिए क्योंकि दूध में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज, वसा, इन्जाइम तथा आयरन से युक्त होता है । दूध में प्रोटीन और कैल्सियम तत्त्वों का प्रसार होने से यह (दूधिया) अद्वितीय, अपारदर्शी होता है। 

मानव-जाति के लिये यह सम्पूर्ण भोजन है। चिकित्सक सभी आयु वर्ग के लिये इसे पौष्टिक भोजन के रूप में निम्न कारणों से दूध का सेवन करने का सुझाव देते हैं

दूध पीने के फायदे

गाय का दूध में पाए जाने वाला पोषक तत्त्व का मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)

उर्जा 60 किलो कैलोरी - 250 kJ

कार्बोहाइड्रेट - 5.26 g

शर्करा - 5.26 g

लैक्टोज़ - 5.26 g  

वसा - 3.25 g

संतृप्त - 1.865 g

एकल असंतृप्त - 0.812 g  

बहुअसंतृप्त - 0.195 g  

प्रोटीन - 3.22 g

पानी - 88.32 g

विटामिन A equiv - 28 μg - 3%

थायमीन (विट. B1) - 0.044 mg - 3%

राइबोफ्लेविन (विट. B2) - 0.183 mg -12%

विटामिन B12 - 0.44 μg - 18%

विटामिन D - 40 IU - 20%

कैल्शियम - 113 mg - 11%

मैगनीशियम - 10 mg - 3% 

पोटेशियम - 143 mg - 3%

दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व और उसे दूर होती है मानव शरीर के रोग(Nutrients found in milk and it cures diseases of human body) :-

दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व से दूर होते यह रोग

  1. प्रकृति में उपलब्ध द्रव्यों-पदार्थों में केवल दूध में लेक्टोस (दुग्ध-शर्करा ) निहित होता है
  2. प्राणियों में नाडी- मण्डल एवं बुद्धि के विकास के लिये दुग्ध-शर्करा बहुत आवश्यक है ।
  3. ऊर्जस्वी गतिशील शारीरिक क्रिया-कलापों के लिये कार्बोहाइड्रेट आवश्यक होता है।
  4. शरीर में लाल रक्त कोशिका के संश्लेषण (समन्वय) एवं शारीरिक शक्ति के सुधार के लिये आयरन (लौह तत्त्व) आवश्यक होता है।
  5. कैल्सियम और फॉस्फोरस दाँतों और अस्थियों को मजबूत रखने में सहायक होते हैं
  6. विटामिन 'A' आँख की रोशनी और त्वचा को स्वस्थ रखता है एवं कम्पन - रोग को हटाता है ।
  7. विटामिन 'B' नाडी मण्डल एवं शरीर के विकास के लिये आवश्यक है ।
  8. विटामिन 'सी' शारीरिक रोगों के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा करता है।
  9. विटामिन  ’D' रोग से सुरक्षा प्रदान करता है

गाय के दूध से ठीक होने वाली बीमारी और विधि :-

गाय के दूध से निम्नलिखित बीमारी का इलाज सम्भव है इसको विधिबत समझने का प्रयास करे और इसे पूरा पढ़ें 

आधासीसी रोग में गाय के दूध का उपयोग

गाय के दूध का खोआ खाना या गाय के दूध में बादाम के टुकड़े डालकर बनाई हुई खीर में शक्कर डालकर पिलाना चाहिए।

धतूरा अथवा कनेर के विष को नाश करने में  

पावभर दूध में एक तोला शक्कर मिला कर देने से आराम मिलता है 

मैनसिल के विष को दूर करने में

दूध में मधु (शहद) डालकर तीन दिन पिलाने से विष धीरे धीरे दूर होने लगता है 

कोदों के विष पर

रोगी को ठंडा दूध पिलाना चाहिये।

धोखे से काँच का चूर्ण खा लेने पर 

यह यदि अन्न के साथ पेट में चला गया हो तो ऊपर से दूध पिला देने से कांच दस्त के माध्यम से बाहर निकल जाता है 

मधुमेह (सुगर ) को ठीक करने में 

मधुमेह होने पैर दूध में गुड़ अथवा घी डालकर उसे थोड़ा गरम करके पिलाना अथवा गरम किया हुआ दूध घी के साथ बराबर शक्कर डालकर पिलाना चाहिये।

आँख उठी होने पर या आँख में जलन होने पर 

गाय के दूध में रूई को भिगोकर और उसके ऊपर फिटकिरी का चूर्ण डालकर आँख के ऊपर पट्टी बाँध देनी चाहिये। ऐसा करने से आँख उठी होना  या आँखो  में जलन होना ठीक हो जाता है  

पित्त-विकार को दूर करने में 

सात तोला दूध लेकर उसमें आधा तोला से एक तोला तक सोंठ उबाल कर खोआ बनाये, उसमें शक्कर डालकर गोली बना ले और रात को सोने के पहले प्रतिदिन खिलाये। खाने के बाद पानी न पीने दे। इस प्रकार कुछ अधिक दिनों तक इसका सेवन करने  से पित्त विकार दूर हो जाता है ।

चेचक अथवा छोटी माता होने पर दूध का उपयोग 

चेचक अथवा छोटी माता होने के कारण बालक के शरीर में आने वाले ज्वर के ऊपर तुरंत ताजे दूध और घी को मिलाकर मिस्री डालकर पिलाने से चेचक रोग ठीक हो जाता   है ।

छाती तथा हृदय रोग होने पर

दूध में शुद्ध भिलावे का तेल  10  बूँद तक डालकर पिलाना चाहिये ।

रक्त पित्त के ऊपर दूध का प्रयोग 

दूध में पाँच गुना पानी डाल कर अच्छी तरह उबाले और सारा पानी जल जाने के बाद दूध पिला दे ।

हड्डी टूट जाने पर दूध का रामबाण उपाय 

प्रातः काल बाखड़ी (ब्याने के बाद लगभग ६-७-८ महीने दूध दे चुकने वाली) गाय का दूध शक्कर डालकर गरम करे। उसमें घी और  लाख का चूर्ण डालकर ठंडा होने पर पिलाये, इससे टूटी हड्डी ठीक हो जाती है।

कफ को दूर करे

गर्म दूध में मिश्री और काली मिर्च का चूर्ण मिला कर पिलाने से कफ धीरे धीरे दूर होने लगता है

प्रवाहि का और रक्त-पित्तादि के ऊपर

आधा दूध और आधा पानी मिलाकर उबाले, जब पानी जल जाय तो बचे दूध का उपयोग शूल, प्रवाहिका और रक्त पित्त रोग के ऊपर करे ।

पाण्डुरोग, क्षय और संग्रहणी के ऊपर

लोहे के बर्तन में गरम किया हुआ दूध सात दिन पिलाना और पथ्य सेवन कराने से लाभ मिलाता है

हिचकी के ऊपर दूध का प्रयोग 

हिचकी आने पर औटाया हुआ दूध पिलाने से हिचकी आना बंद हो जाती है 

मेहनत करके थके हुए मनुष्य को दूध गरम करके पिलाये 

थके हुए व्यक्ति को गर्म दूध पीने से  थकावट दूर हो जायगी और स्फूर्ति आ जायगी । थकावटके लिये यह अद्वितीय ओषधि है।

सिर दर्द के ऊपर 

गाय के दूध में सोंठ घिसकर सिर पर उसका लेप करे और ऊपर से रूई बाँध दे। इस प्रकार सात-आठ घंटे में भयंकर से भी भयंकर सिर दर्द ठीक हो जाता है।

दूध के नियमित उपयोग से होने वाले लाभ (Benefits of regular consumption of milk) :-

दूध का उपयोग किस समय किस नियम से करने से कोन से लाभ होते हैं

  1. रात्रि में सोने से पहले एक कप दूध का सेवन रक्त के नव-निर्माण में सहायक होता है एवं विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करता है ।
  2. प्रातः काल हलके गरम दूध का सेवन पाचन- क्रिया को संयोजित करने में सहायता करता है ।
  3. गरम दूध में मिस्री और काली मिर्च मिलाकर लेने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है।
  4. दूध में सबसे कम कोलेस्ट्रॉल (१४ मि० ग्रा० / १०० ग्रा० ) होने के कारण मधुमेह के रोगियों को वसा रहित दूध - सेवन की सलाह दी जाती है।
  5. उच्च रक्तचाप से पीडित व्यक्ति को प्रतिदिन २०० मि०ली० दूध (सिर्फ द्रव्य, पेय के रूप में ) पीने की सलाह दी जाती है ।
  6. अग्निवर्धक व्रण (Peptic Ulcer) - के रोगियों के लिये दूध एक आदर्श आहार है । ५० मि०ली० ठंडे दूधमें एक चम्मच चनेका सत्तू दो-दो घंटेपर देनेसे अल्सरमें शीघ्र ही लाभ हो जाता है ।
  7. दुग्ध-सेवन से सात्त्विक विचार, मानसिक शुद्धि एवं बौद्धिक विकास होता है।

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