किस प्रकार कब्ज को दूर करता है : गेहूं का चोकर

जानिए गेहूं का चोकर कब्ज को किस प्रकार ठीक करता है

 गेहूं का चोकर क्या है यह कैसा होता है और इसका उपयोग क्या होता है इसके बारे में आज हम बताएंगे इसे कौन-कौन सी बीमारी दूर होती है इसको भी आज जानेंगे गेहूं की चोकर को खाने का बहुत फायदे हैं। 

गेहूं का चोकर
गेहूं का चोकर


वैसे तो गेहूं का चोकर हर घर में उपलब्ध होता है लेकिन इसकी महत्त्व के बारे में बहुत कम लोग जानते है।

गेहूं के चोकर का निर्माण गेहूं का आटा को छानने के बाद जो  पदार्थ निकलता है उसे चोकर कहते हैं चोकर, गेहूं का छिकला होता है।

चोकर में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, केलोरीज, रेशा, कैल्सियम, सोडियम, आक्जेलिक एसिड, पोटेशियम, ताँबा, सल्फर, क्लोरीन, जिंक, थियामिन, विटामिन A, रिवोफ्लोविन, निकोटिनिक एसिड, पायरिडोक्सिन, फोलिक एसिड, प्रेटाथेनिक एसिड एवं विटामिन K पाया जाता है।

चोकर एक बहुत प्राचीन आयुर्वेदिक औषधी है जो इस प्रकार है 

गेहूँ का चोकर कब्ज दूर करने में अद्वितीय प्राकृतिक औषध है। कब्ज दूर करने के साथ-साथ इसका सेवन करने से निम्नलिखित लाभ भी प्राप्त होते हैं, जैसे

  1. यह मल को सूखने नहीं देता ।
  2. आँतों में जाकर उत्तेजना पैदा नहीं करता, अपितु गुदगुदी पैदा करता है जो कि प्राकृतिक नियम है । आप पशुओं का मल निकलते देखिये तब मालूम पड़ेगा कि वे मल निकालते समय कैसा व्यवहार करते हैं। आँतों में गुदगुदाहट पैदा होने से शरीर की स्थिति ऐसी ही होती है ।
  3. इससे मल पतला नहीं अपितु मुलायम तथा बँधा हुआ आता है। आँतों में मरोड़ पैदा नहीं होती । मल बिना जोर लगाये आसानी से निकल जाता है। जोर लगाकर मल निकालने से नाडी कमजोर हो जाती है तथा शक्ति न रहना, वायु भरना, बवासीर, काँच निकलना इत्यादि रोग होने का डर रहता है ।
  4. गेहूं का चोकर देखने में खुरदरा (Rough) है, परंतु चबाते समय मुँह की लार से मुलायम हो जाता है। चूँकि यह मुँह की लार को काफी मात्रा में समेट लेता है, अतः भोजन के पचने में सहायता करता है ।
  5. चोकर हर दृष्टि से अच्छा है। भोजन में से गुणकारी चोकर को निकालकर हम शरीर के साथ अन्याय करते हैं। चोकर निकाले हुए आटे की रोटियाँ स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं, वे सुपाच्य नहीं हैं।
  6. चोकर से शरीर पवित्र रहता है। यह पेट के अंदर का मल झाड़-बुहार कर पेट को साफ कर देता है।
  7. पेट साफ रहने से कोई बीमारी नहीं होती ।
  8. भोजन में चोकर को प्रधानता दें। इसको आटे में  मिलाइये। सब्जी, दूध, दही, सलाद, शहद में मिलाकर खाइये। गुड़ में मिलाकर लड्डू बनाइये । इस प्रकार भोजन का आनन्द लें ।
  9. यह कैंसर से दूर रखता है तथा आँतों की सुरक्षा करता है, आमाशय के घाव को ठीक करता है । क्षय रोग भी दूर करता है, हृदय रोग से बचाता है, कोलेस्टेरॉल से रक्षा करता है । 
  10. चोकर से स्नान करने पर चर्म रोग अच्छा होता है।
  11.  आपको स्वस्थ रहना है तो चोकर जरूर खाइये
  12. चोकर खाने वालों को एपेंडीसाइटिस नहीं होती, आँतों की बीमारी नहीं होती। अर्श (Piles), भगंदर, बृहदान्त्र एवं मलाशय का कैंसर नहीं होता ।
  13. मोटापा घटाने के लिये चोकर निरापद औषधि है; क्योंकि भोजन में कमी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, रोगी आसानी से पतला हो जाता है। 
  14. चोकर मधुमेह निवारण में मदद करता है। 
  15. चोकर का बिस्किट, चोकर आलू की रोटी, हलवा बनाकर आनन्द के साथ खाया जा सकता है।
  16. चोकर को गाजर के हलवे में भी स्थान दें। यह मिस्सी रोटी को और भी स्वादिष्ठ बनाता है। चोकरदार बूँदी का रायता स्वाद के साथ खाया जा सकता है।
  17. इडली, डोसा, कचौड़ी बनाते समय चोकर को न भूलें। सरसों का शाक चोकर के साथ बनाइये ।
  18. चोकर साफ-सुथरा, मोटा, स्वादिष्ठ ताजे आटा से निकाला हुआ एवं जर्म्स (Germs) से मुक्त होना चाहिये ।
  19. छोटी मिलका सफाई से बना चोकर मोटा एवं अच्छा होता है।
  20. चोकर खाने वालों का दिल-दिमाग स्वस्थ रहता है; क्योंकि चोकर से पेट साफ हो जाता है। याद रखें क़ब्ज़ ही अधिकतर रोगों की जड़ है।
  21. चोकर क्षारधर्मी होने के कारण रक्त में रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है ।
  22. सभी प्रकार के अन्न के रेशों में गेहूँ के चोकर को आदर्श स्थान मिला है अर्थात् गेहूँ का चोकर आदर्श रेशा है ।


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