नारियल खाने के फायदे, लाभ और नुकसान
नारियल एक बहुत महत्वपूर्ण औषधि इसके रहस्य जान कर चौंक जाएंगे आप(Coconut is a very important medicine):-
हमारे देश में पाये जाने वाले फलों में नारियल अत्यन्त उपयोगी फल हैं, जो भूख के साथ साथ प्यास भी बुझाता है। नारियल एक बहुत प्राचीन आयुर्वेदिक महत्वपूर्ण औषधी है जो कि कई रोग का निवारण करने में सक्षम है और नारियल से कई प्रकार दवाई बनाई जाती है और दवाई के अलावा इसका उपयोग घरेलू सामग्री बनाने में भी किया जाता है नारियल को हर जगह पर उपयोग कर सकते हैं दवाइयां में भी और पाठ पूजा में भी इसका उपयोग होता है इसे 'शुभफल' तथा 'श्रीफल' भी कहते हैं। 'श्री' यानी लक्ष्मी का फल ।
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नारियल |
नारियल के औषधीय गुण
ठीक होने वाली बीमारियां
एक चीनी कहावत के अनुसार नारियलमें उतने हैं जितने कि वर्षमें दिन । नारियलका एक पेड़ उगानेका मतलब है अपने परिवारके लिये खाना-पीना, कपड़े, मकान, बर्तन, ईंधन आदिका इंतजाम कर लेना । भारतीय लोक-व्यवहारमें नारियलका विशेष महत्त्व है । यह माङ्गलिक फल माना जाता है। इसकी गिरी, जल, तेल, फूल, जड़ तथा छाल आदि सभीके औषधीय उपयोग हैं।
(क) नारियल की गिरी
आयुर्वेद के अनुसार नारियल की गिरी शीतल, पुष्टिकारक, बलदायक, वात-पित्त और रक्तविकार- नाशक होती है। यह देर से हजम होने वाली तथा मूत्राशयशोधक मानी जाती है
- नारियल की सूखी गिरी मधुर, पौष्टिक, स्वादिष्ठ, स्निग्ध, रुचिकारक, बलवीर्यवर्धक तथा मलावरोधक होती है। नारियल में उच्च कोटि का प्रोटीन रहता है।
- पकने पर नारियल की गिरी में चिकनाई तथा
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है।
- नारियल की कच्ची गिरी में अनेक एंजाइम होते हैं जो पाचन क्रिया में मददगार होते हैं। बवासीर, मधुमेह, गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर में यह रामबाण औषधि है। चेहरे की झुर्रियाँ मिटाने में यह काफी सहायक है; क्योंकि इसमें चिकनाई एवं स्टार्च होता है। नारियल की गिरी का दूध कुपोषण के शिकार बच्चों के लिये बहुत उपयोगी है।
- नारियल मूत्र साफ लाता है, पौरुष में वृद्धि करता है, मासिक धर्म खोलता है, शरीर को मोटा बनाता है तथा मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है
- मुँह में छाले हो जाने पर या पान खाने से जीभ कट जाने पर सूखे नारियल की गिरी तथा मिस्री मिलाकर खाने से लाभ होता है।
- कच्चे नारियल की 25 ग्राम गिरी महीन पीसकर अरण्डी के तेल के साथ खाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
- प्रात: भूखे पेट नारियल खाने से नकसीर आनी बंद हो जाती है।
- नारियल की गिरी बादाम, अखरोट, पोस्ता के दाने मिलाकर सेवन करने से स्मरणशक्ति तथा शरीर की शक्ति बढ़ती है।
- नारियल की गिरी मिस्री के साथ खाने से प्रसव-दर्द नहीं होता तथा संतान गौरवर्ण एवं हृष्ट-पुष्ट होती है।
- नारियल की गिरी और शक्कर मिलाकर खाने से आँखों के सामान्य रोगों में लाभ होता है।
- पुराने नारियल की गिरी को पीसकर उसमें थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर उसे गरम करके चोट- मोच पर बाँधने से आराम मिलता है।
- नारियल की गिरी कब्ज दूर करने में सहायक होती है। यह आँतों में चिकनाहट पैदा कर देती है ।
(ख) नारियल का पानी
कच्चे नारियल को 'डाभ' कहते हैं। इसमें काफी मात्रा में पानी रहता है। धीरे-धीरे इस पानी का कुछ भाग मुलायम गिरी में बदल जाता है; फिर पानी सूखने से मुलायम गिरी कठोर बन जाती है, जिसे खोपरा कहते हैं ।
- नारियल का पानी अमृत के समान उपयोगी होता है। इसे पीने से प्यास बुझने के अलावा शरीर को शक्ति भी प्राप्त होती है ।
- आयुर्वेद के अनुसार नारियलका पानी स्वादिष्ठ, शीतल, रेचक, रक्तशोधक, प्यास और पित्त को शान्त करनेवाला, मूर्च्छा तथा ज्वरनिवारक होता है। ताजे कच्चे नारियलके पानीमें माँ के दूध के समान गुण रहते हैं। एक नारियल के पानी से शरीरको दैनिक आवश्यकता के बराबर की मात्रामें विटामिन 'सी' मिल जाता है ।
- निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) - को दूर करने का यह सस्ता एवं आदर्श द्रव्य है ।
- नारियल का पानी अनिद्रा की अनिद्रा की अवस्था में लाभकारी है।
- नारियल का पानी पीने से हिचकी दूर होती है तथा पेट-दर्द में लाभ होता है।
- पेशाबकी जलन में नारियल के पानी में गुड़ तथा हरा धनिया मिलाकर पीन से लाभ होता है।
- नारियल का पानी पीने से पेट साफ रहता है। तथा पथरी निकल जाती हैं।
- नारियल का पानी पीकर कच्चा नारियल खाने से पेटके कृमि निकल जाते हैं।
- नारियल का पानी पीने से तेज ज्वर को कम करता है।
- लू लग जाने पर नारियल के पानी के साथ काला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शान्ति मिलती है।
(ग) नारियल का तेल
करीब 65 प्रतिशत नारियल खाने के काम आता है, शेषका तेल निकाला जाता है। एक हजार फलों में से करीब 250 किलोग्राम खोपरा तथा करीब 100 लीटर तेल निकलता है। यह तेल 23 से 27 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है तथा इससे कम ताप पर ठोस जमा हुआ रहता है।
- तेल करीब 20 प्रतिशत खाने में तथा शेष सौन्दर्यवर्धक पदार्थ बनाने के काम में लिया जाता है। इससे साबुन तथा मोमबत्ती भी बनायी जाती है।
- नारियल का तेल सुपाच्य होता है। यह खाने तथा तलने के काम आता है। रासायनिक एवं भौतिक दृष्टि से यह तेल मक्खन से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। यह वात-पित्तनाशक, दन्तविकार नाशक, कृमिनाशक, केशवर्धक, श्वास, मूत्रघात एवं प्रमेह में बहुत उपयोगी है। यह स्मरण शक्ति बढ़ाता है ।
- नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली मिटती है, बालों का झड़ना तथा सफेद होना बंद हो जाता है।
- नारियल के तेल में बादाम पीसकर सिर पर लगाने से सिरदर्द मिटता है ।
- नारियल का तेल बालों के लिये बहुत उपयोगी तथा गुणकारी है। हलका होने के कारण इससे बाल चिपचिपाते नहीं तथा रूसी आदि की भी शिकायत दूर होती है
- नारियल के तेल की मालिश नाखूनों पर करने से उनकी स्वाभाविक चमक और आयु बढ़ती है।
नारियल के अन्य भाग
- नारियल के फूल शीतल, मलावरोधक, स्तम्भक, रक्त-पित्तनाशक, प्रमेहनाशक, रक्तातिसार एवं बहुमूत्रतानिवारक होते हैं।
- नारियल के वृक्ष की कोमल जड़ मूत्रविरेचक, शोथ, यकृत्-विकार में उपयोगी है।
- जड़ को पानी के साथ पीसकर पेड़ पर गाढ़ा लेप करने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
- नारियल के कोमल पत्ते मधुर होते हैं, अतः खाये भी जाते हैं। इन्हें उबालकर स्वादिष्ठ शाक एवं रायता बनाया जाता है ।
- नारियल की जटा श्वास सम्बन्धी रोगों में बहुत उपयोगी है। यह वमननाशक तथा रक्तस्राव-निरोधक होती है।
- दमा और खाँसी में नारियल की जटा की भस्म में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करने से लाभ होता है। यह हिचकी - रोग में भी हितकारी है। दल
- शरीर के किसी भी भागसे बहते हुए खून पर जटा की भस्म लगाने से खून बंद हो जाता है।
- नारियल की जटा जला-पीसकर उसमें बूरा मिलाकर करीब 10 ग्राम फाँकी पानी के साथ लेने से खूनी बवासीर में लाभ होता है
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