अदरक खाने के फायदे
अदरक (Ginger)
अदरक से आप सब भली भांति परिचित होंगे क्योंकि अदरक का उपयोग सभी घरों में बहुत प्राचीन समय से हो रहा है इसके घरेलू उपयोग के साथ साथ आयुर्वेद चिकित्सा मैं काफी उपयोग भी हैसंस्कृत में अदरक को विश्वौषध नाम दिया गया है।
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अदरक के आयुर्वेदिक उपचार(Ayurvedic treatment of ginger):-
अदरक वातघ्न, दीपक, पाचक, सारक, चक्षुष्य, कण्ठ्य और पौष्टिक है। अदरक मैं कई गुण होने के कारण यह कृमिका नाश माना जाता है और उन्हें मलद्वार से बाहर निकाल देता है। अदरक आँतों के लिये एक उत्तम टॉनिक है। अदरक का रस निरापद एवं प्रति प्रभावों से रहित है । अदरक का रस गर्म स्वभाव का होता हैभोजन के समय से आधा घंटा पूर्व यदि सेंधा नमक और कुछ नीबू की बूँदें मिलाकर तीन-चार चम्मच अदरक का रस पिया जाय तो भूख खुलती है। इसके रस से पेट में पाचक रसों का स्राव होता है। इससे पाचन भली भाँति होता है और पेट में गैस उत्पन्न नहीं होती । यह जुकाम- सर्दी को समूल नष्ट कर देता है, हृदय के विकारों को दूर करता है और सभी प्रकार के उदर रोगों को शान्त कर देता है।
अदरक का रस(ginger juice):-
अदरक का रस सूजन, मूत्रविकार, पीलिया, अर्श, दमा, खाँसी, जलोदर आदि रोगों में भी लाभदायक होता है ।आयुर्वेद-विशेषज्ञों का मत है कि अदरक के नियमित सेवन से जीभ एवं गले का कैंसर नहीं होता।
अदरक का उपयोग और ठीक होने वाली बीमारी
- जिसे भोजन हजम न होता हो, उसे चाहिये कि भोजन करने से पहले चार-पाँच टुकड़े अदरक नमक तथा नीबू का रस मिलाकर ले और उसके बाद भोजन करे ।
- अदरक के टुकड़े चूसने से खाँसी मिट जाती है ।
- अदरक को शाक-दाल में डालकर खाने से पेट स्वच्छ रहता है
- श्वास के रोगी को सदा अदरक का रस तथा शहद मिलाकर गुनगुना करके चाटते रहना चाहिये इससे स्वास मैं आराम मिलता है
- केवल अदरक का रस-सेवन करने से भी निमोनिया तक में आराम मिलता है
- अदरक अलग-अलग ऋतुओं में अलग- अलग वस्तुओं के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है, जैसे वर्षा ऋतु में अदरक के टुकड़ों को नमक लगाकर खाने से अनि मन्द नहीं होती।और शीत ऋतु में अदरक को कुचल कर गुड़ में पका लें इस को खाने से सर्दी जुकाम खांसी में आराम मिलता है
- अदरक खाने से हड्डियां मजबूत होती है और गठिया के दर्द से राहत भी मिलती है. अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी में अदरक खाने से बहुत फायदा मिलता है
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